मंगलवार, 23 मई 2017

सपने हक़ीक़त में सच हो सकते हैं


सपने हक़ीक़त में सच हो सकते हैं:-

Dreams can come true in reality

   हमारी अपेक्षा प्रत्येक सामने वाले व्यक्ति से यही रहती है, कि वह बिलकुल ऐसा व्यवहार करे, जो केवल हमें पसन्द हो, उसमें चाहे वह बहुत ही नज़दीकी परिवार का हो, या समाज से अन्य सम्बन्धी लोग । जिनको हम मिलते रहते हैं, खास कर हम अपने जीवन साथी से कुछ ज़्यादा ही अपेक्षाएँ रखते हैं । जब की सच्चाई यह है, कि यदि आप का जीवनसाथी आप की ही तरह हो जाय, तो सायद आप का जीवन नीरस हो जाएगा । और ऐसी उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए कि आप का जीवनसाथी सोंच में, कर्म में आप के जैसा ही हो । यही कलह का बड़ा कारण हो सकता है, यदि हम अपनी असम्भव सी अपेक्षाएँ नियन्त्रण में रख कर व्यवहार करें, तो इसी से ज़िन्दगी का भरपूर मज़ा भी लिया जा सकता है । चुंकि दोनों का निर्माण अलग-अलग ढंग से हुआ है, इस लिए दोनों में से एक कोई ऐसा काम करेगा, जो दूसरे को बिल्कुल पसन्द या नहीं पसन्द होगा । ऐसी स्थिति में झंझट से बचने के लिए रास्ते भी आप को ही ढूँढने पड़ेगें । विवाह के पूर्व आप को ऐसे अनुभव कभी नही हुए होगे, जो विवाह के पश्चात हुए हैं । जीवनसंगी आप को कुछ ऐसा भी दिखा जाता है जिसको जान कर आप चौंकते हुए कहेंगे, कि दुनिया में ऐसा भी होता है, सच में ऐसा होता है जो बहुत ही सुखद या डरावना होता है । यदि आप इस तनाव से बचना चाहते हैं, तो जीवन जीनें के तरीक़े में कुछ बदलाव करने होंगे क्यों कि दोनों का स्वभाव विपरीत है । 

   इस बात को समझते हुए जब भी उपयुक्त अवसर मिले जीवन साथी की प्रशंसा का कोई भी अवसर मत चूकिए । सच तो यह है कि भगवान ने पूरी तरह से बुरा तो किसी को नहीं बनाया और हर तरह से अच्छा भी किसी को नहीं गढ़ा । इस लिए जीवन साथी की अच्छाइयों को नोटिस में लेकर प्रशंसा करने की आदत बना लें । आप देखेंगे जिस जीवन को आप जैसा जीने की चाहत रखते हैं । उससे कहीं ज़्यादा ख़ुशहाल जीवन जी सकेंगे, जो सायद आप की कल्पना में भी न रहा हो ।

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